It's
Election Season in India these days. While all the news channels are busy
giving their bit of breaking news related to Elections, there is something even
we, the Voters, need to do to make this whole exercise a success. The whole
last week and the running week, office talks have been centred around what all
will be done on the 'Official Holiday' on the Voting Day in Delhi NCR, April 10. All the
talks have different agenda, but the main agenda, voting, lacks a mention out
there. I tried penning down a few lines to urge Voters to vote:
अब की बार, किसकी सरकार??
दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र,
हर किसी की अलग
अलग राय है.
कहीं युवराज का
भाषन यहाँ,
तो कहीं नमो की
चाय है.
झाड़ू बजना शुरू
हुआ अब,
लालटेन भी यहाँ
जलती है.
हाथी ऊपर बहुत
हुई सवारी,
साइकल भी खूब अब
चलती है.
बदले की राजनीति
हैं सब करते,
इन सबमें इनको
महारत है.
बिगड़ा कुछ नहीं
इन नेताओं का,
बर्बाद हुआ यह
भारत है.
जब तक ना हो
यहाँ मतदान,
करलो तब तक
दर्शन इनके भरपूर.
पाँच साल फिर दिखेंगे ना यह,
रहेंगे अपने
चुनाव क्षेत्र से दूर.
जीवन की यह
विडंबना देखो,
कुर्ता सफेद पर
दिल काले हैं.
लेकर जाओ अपने
दर्द पास इनके,
तो इन लोगों के
दिलों पे ताले हैं.
हर नेता पे करके
भरोसा,
कितने धोखे हैं
हमने खाये.
तिजोरियाँ इनकी
भर्ती रहें बस,
जनता रहे रोती
चाहे चिल्लाये.
होती हर वोट की
है अहमियत पूरी,
अब वोट करने के
लिये भागो रे.
मतदान दिवस की छुट्टी
मना ली बहुत,
भारत के युवा, अब तो जागो रे.
बहुत सह लिये है
घाव भारत ने,
हो हमारा नारा यही इस बार,
उठो, जागो और वोट करो
सब,
लेकर है आनी लोकतंत्र
की सरकार.
वोट करना है
जिम्मेदारी हमारी ,
वोट करेंगे हम
ज़रूर इस बार.
है नये भारत की
आवाज़ नयी,
अब की बार, लोकतंत्र की
सरकार.
I will vote. Will you?
Good one
ReplyDeleteThanks Manohar. Glad that you liked it. :)
DeleteYes i will.
ReplyDeleteGood one!!!
ReplyDeleteThanks Murtaza. Glad that you liked it. :)
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