
Just tried penning down thoughts of a
Young Boy, who is confused if ‘he was indeed in love’.
चाँद से भी पूछा एक बार मैने,
क्या तुझें देखूँ या अपना यार.
चाँद भी मुस्कुराया और बोला मुझसे,
तरसता हूँ मैं भी उसका दीदार.
एक तेरी ही मुस्कुराहट है जो,
मुझे ग़म सारे भुला देती है.
तेरी एक पलकें झुकाने की अदा,
इस दिल को तेज़ धड़का देती है.
प्यार से जब तुम पुकारते...